होलिका दहन – जश्न का पर्व

कहते हैं होलिका दहन के दिन तीन चीजों का होना काफी शुभ माना जाता है. ये तीन चीजें हैं प्रदोण काल का होना, पुर्णिमा तिथि का होना… Read more “होलिका दहन – जश्न का पर्व”

मैं फिर से ‘नज़र निल्को की’ ये शीर्षक ले कर आया हूँ

आज कई दिनो बाद फिर यहाँ पर आया हूँ इतने दिन व्यस्त रहा वो बताने आया हूँ आप याद किए या न किए हो पर मैं फिर… Read more “मैं फिर से ‘नज़र निल्को की’ ये शीर्षक ले कर आया हूँ”

शिक्षा , शिक्षार्थी, शिक्षक और शिक्षा व्यवस्था

किसी भी राष्ट्र का आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विकास उस देश की शिक्षा पर निर्भर करता है। शिक्षा के अनेक आयाम हैं, जो राष्ट्रीय विकास में शिक्षा के… Read more “शिक्षा , शिक्षार्थी, शिक्षक और शिक्षा व्यवस्था”

Happy Teachers Day

आज पाँच सितम्बर है यानी शिक्षक दिवस। आज हम सभी उन अध्यापकों, गुरुओं, आचार्यों, शिक्षकों, मास्टरों, टीचरों को बधाइयाँ देते हैं, याद करते हैं, जिन्होंने हमारे जीवन-दर्शन… Read more “Happy Teachers Day”

स्वतंत्रता दिवस – आज हथकड़ी टूट गई है, नीच गुलामी छूट गई है –

आजादी के नए संघर्ष का वक्त हमने आजादी जनता के लिए प्राप्त की थी और नारा दिया था कि हम ऐसी व्यवस्था अपनाएंगे जो जनता की जनता… Read more “स्वतंत्रता दिवस – आज हथकड़ी टूट गई है, नीच गुलामी छूट गई है –”

गीत ग़ज़ल हो या हो कविता – एम के पाण्डेय निल्को

गीत ग़ज़ल हो या हो कविता  नज़र है उस पर चोरो की  सेंध लगाये बैठे तैयार  कॉपी पेस्ट को मन बेक़रार  लिखे कोई और, पढ़े कोई और … Read more “गीत ग़ज़ल हो या हो कविता – एम के पाण्डेय निल्को”

एम के पाण्डेय ‘निल्को’ की कविता – वो दूरिया बढ़ाते गए

वो दूरिया बढ़ाते गए और कुछ लोग यह देख कर मुस्कुराते गए इस ज़िंदगी के कशमकश में शायद ‘निल्को’ को वो भुलाते गए जब याद दिन वो… Read more “एम के पाण्डेय ‘निल्को’ की कविता – वो दूरिया बढ़ाते गए”

अपना परिचय ठीक से नहीं करा पाता

एम के पाण्डेय ‘निल्को’   कुछ मेरे मित्र मेरे परिचय के बारे में ज्रिक कर रहे थे , उनकी शिकायत थी की कभी मैंने अपना परिचय ठीक से… Read more “अपना परिचय ठीक से नहीं करा पाता”

भारतीयता की पहचान है साड़ी——————–एम. के. पाण्डेय "निल्को जी"

निल्को जी साड़ी भारतीय औरत का मुख्य परिधान है। यह शायद विश्व की सबसे लंबी और पुराने परिधानों में से गिना जाता है। यह लगभग 5 से… Read more “भारतीयता की पहचान है साड़ी——————–एम. के. पाण्डेय "निल्को जी"”