एक लड़का था जो एक ऑफ़िस मैं 8 घंटे की डूटी करता 9 – 5 की। मगर रोज 8 बजे office पहुँच जाता और देर रात तक… Read more “मोटिवेशनल कहानी”
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होलिका दहन – जश्न का पर्व
कहते हैं होलिका दहन के दिन तीन चीजों का होना काफी शुभ माना जाता है. ये तीन चीजें हैं प्रदोण काल का होना, पुर्णिमा तिथि का होना… Read more “होलिका दहन – जश्न का पर्व”
मैं फिर से ‘नज़र निल्को की’ ये शीर्षक ले कर आया हूँ
आज कई दिनो बाद फिर यहाँ पर आया हूँ इतने दिन व्यस्त रहा वो बताने आया हूँ आप याद किए या न किए हो पर मैं फिर… Read more “मैं फिर से ‘नज़र निल्को की’ ये शीर्षक ले कर आया हूँ”
यह कैसी विडम्बना यह कैसा अत्याचार है?
आपके अमूल्य सुझाव आमंत्रित है |
खुले मंच पर देता हूँ चुनौती
हमारे मेसेज को पढ़कर के ग्रुप में आया एक तूफान कुछ लोगो के दिल मेंउठ गई एक उफानपलटकर दिया उन्होंने जवाबजैसे हड्डी बीच कवाबखुले मंच पर देता… Read more “खुले मंच पर देता हूँ चुनौती”
आखिर कब तक ढूँढेगा निल्को
बहुत याद आउगा जब छोड़ के जाउगा चाहे लाख बुराई क्यू न हो पर तुम जैसा दोस्त नहीं पाउगा बहुत छेड़ता हूँ न मैं परेशान भी करता… Read more “आखिर कब तक ढूँढेगा निल्को”
शिक्षा , शिक्षार्थी, शिक्षक और शिक्षा व्यवस्था
किसी भी राष्ट्र का आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विकास उस देश की शिक्षा पर निर्भर करता है। शिक्षा के अनेक आयाम हैं, जो राष्ट्रीय विकास में शिक्षा के… Read more “शिक्षा , शिक्षार्थी, शिक्षक और शिक्षा व्यवस्था”
गीत ग़ज़ल हो या हो कविता – एम के पाण्डेय निल्को
गीत ग़ज़ल हो या हो कविता नज़र है उस पर चोरो की सेंध लगाये बैठे तैयार कॉपी पेस्ट को मन बेक़रार लिखे कोई और, पढ़े कोई और … Read more “गीत ग़ज़ल हो या हो कविता – एम के पाण्डेय निल्को”
कन्या हत्या सर्वाधिक भारत मे
नवरात्रि के पवन पर्व पर कन्याए जिमाई जाती है ढुढ़ते है घर घर उनको फिर पूजन करी जाती है कन्या हत्या सर्वाधिक भारत मे फिर भी देवी… Read more “कन्या हत्या सर्वाधिक भारत मे”
Valentine Special – आग लगे इस वेलेंटाइन डे को
क्या रोज डे क्या प्रपोज डे क्या करे प्रॉमिस डे को किसे किस करे किस डे को जब गर्ल फ्रेंड ही नहीं हमारी तो आग लगे इस… Read more “Valentine Special – आग लगे इस वेलेंटाइन डे को”
एम के पाण्डेय ‘निल्को’ की कविता – वो दूरिया बढ़ाते गए
वो दूरिया बढ़ाते गए और कुछ लोग यह देख कर मुस्कुराते गए इस ज़िंदगी के कशमकश में शायद ‘निल्को’ को वो भुलाते गए जब याद दिन वो… Read more “एम के पाण्डेय ‘निल्को’ की कविता – वो दूरिया बढ़ाते गए”
कान्हा ओं कान्हा – एम के पाण्डेय ‘निल्को’
आदरणीय मित्रो ;नमस्कार;मेरी पहली भक्ति रचना “कान्हा ओं कान्हा” आप सभी को सौंप रहा हूँ । मुझे उम्मीद है कि मेरी ये छोटी सी कोशिश आप सभी को जरुर पसंद आएँगी, रचना… Read more “कान्हा ओं कान्हा – एम के पाण्डेय ‘निल्को’”