VMW Team – आरक्षण की मांग करे

आओ मिलकर आग लगाएं,नित नित नूतन स्वांग करें,पौरुष की नीलामी कर दें,आरक्षण की मांग करें, पहले से हम बंटे हुए हैं,और अधिक बंट जाएँ हम,100 करोड़ हिन्दू… Read more “VMW Team – आरक्षण की मांग करे”

ब्राह्मण है एक परंतु सरनेम अलग क्यों ?

मेरे एक मित्र ने मुझसे प्रश्न किया कि ब्राह्मणतो एक ही है परंतु कोई तिवारी है कोईदुबे है कोई शुक्ला पाठक चौबे आदि अलग – अलग नाम… Read more “ब्राह्मण है एक परंतु सरनेम अलग क्यों ?”

चार पत्नियां – बोध कथा

एक आदमी की चार पत्नियाँ थी।वह अपनी चौथी पत्नी से बहुत प्यार करता था और उसकी खूब देखभाल करता व उसको सबसे श्रेष्ठ देता। वह अपनी तीसरी… Read more “चार पत्नियां – बोध कथा”

अभिव्यक्ति की आज़ादी पर उन्होंने लगा ही दिया बैन

अभिव्यक्ति की आज़ादीपर लगा कर बैनआ ही रहा होगाउनके दिल को चैनबोलने पर उन्होंनेभले लगाई पाबन्दी हैपर ‘निल्को’ हम तोलिखने के भी आदी हैइतनी आसानी से नहीं… Read more “अभिव्यक्ति की आज़ादी पर उन्होंने लगा ही दिया बैन”

दिल में कोई प्रेम रतन धन रख लिया

दिल में कोई प्रेम रतन धन रख लियाउनके लिए भी लिख, उनका भी मन रख दियापर ऐसी नज़रो से घूरते है वो मुझकोकी ‘नज़र निल्को की’ मैंने… Read more “दिल में कोई प्रेम रतन धन रख लिया”

मैं सुबह का अख़बार नहीं होता

मंगलवार की सुबहजल्दी ही नीद खुलीलगा हुआ किसी मुद्दे पर सुबहऔर किसी को जीत मिलीरूप का रंग का बाजार नहीं होताभले कमज़ोर हूँपर लाचार नहीं होता निल्को… Read more “मैं सुबह का अख़बार नहीं होता”

बड़ा महत्त्व है

” बड़ा महत्त्व  है ” —————————-👉 ससुराल में साली का👉 बाग  में  माली     का👉 होठों  में  लाली    का👉 पुलिस में  गाली   का👉 मकान  में  नाली   का👉 कान  … Read more “बड़ा महत्त्व है”

नज़र निल्को की – 20 बातें (सुविचार)

***************************************1. जिदंगी मे कभी भी किसी को बेकार मत समझना क्योक़ि बंद पडी घडी भी दिन में दो बार सही समय बताती है।**************************************2. किसी की बुराई तलाश… Read more “नज़र निल्को की – 20 बातें (सुविचार)”

ज़िन्दगी है एक पहेली – एम के पाण्डेय निल्को

गांव में छोड़ आये वो बड़ी सी हवेली शहरो में ढूंढते है वो एक सहेली आराम या हराम से जिए जा रहे है पर कौन समझाए की… Read more “ज़िन्दगी है एक पहेली – एम के पाण्डेय निल्को”

आना कभी मेरे देश मै आपको राजस्थान दिखाता हूँ

आँखों के दरमियान मैंगुलिस्तां दिखाता हुँ,आना कभी मेरे देश मैं आपको राजस्थानदिखाता हुँ|खेजड़ी के साखो पर लटके फूलो की कीमतबताता हुँ,मै साम्भर की झील से देखना कैसे… Read more “आना कभी मेरे देश मै आपको राजस्थान दिखाता हूँ”

सोच रहा हूँ लिखू रानीखेत एक्सप्रेस की कहानी

दोस्तों अभी ट्रेन में सफ़र कर रहूँ और मन बेचैन हो रहा है । मुक्तक लिखने की सोचा तो विषय से भटक गया और मुक्तक की जगह… Read more “सोच रहा हूँ लिखू रानीखेत एक्सप्रेस की कहानी”

एम के पाण्डेय ‘निल्को’ की कविता – वो दूरिया बढ़ाते गए

वो दूरिया बढ़ाते गए और कुछ लोग यह देख कर मुस्कुराते गए इस ज़िंदगी के कशमकश में शायद ‘निल्को’ को वो भुलाते गए जब याद दिन वो… Read more “एम के पाण्डेय ‘निल्को’ की कविता – वो दूरिया बढ़ाते गए”