वह पायल नहीं पहनती पांव में बस एक काले धागे से कहर बरसाती हैउसकी यही अदा तो ‘निल्को’मुझे उसका दीवाना बनाती हैबहुत मजे से इठलाती है गूढ़ व्यंग की… Read more “…वो कहर बरसाती है – एम के पाण्डेय ‘निल्को’”
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नीचों का गठबंधन है
सारे कौरव हुए इकट्ठे, नीचों का गठबंधन है सूपनखा की नाक कटी है, चोरों के घर कृन्दन है पड़ी है पीछे सीबीआई जगह कहाँ अब जाने कोमिल… Read more “नीचों का गठबंधन है”
ज़िंदगी तेरे नख़रे भी हजार है
ज़िंदगी तेरे नख़रे भी हजार है क्यों तुम्हे दर्द से इतना प्यार है कलम लिखने को बहुत बेक़रार है क्योंकि इश्क खुद ही आज बीमार है ज़िंदगी… Read more “ज़िंदगी तेरे नख़रे भी हजार है”
कुछ और हो गए तुम – सोनू जैन
शेर से शोर हो गये हो तुम,कितने कमज़ोर हो गये हो तुम। हमको पहचानते नहीं साहब,आज कुछ ओर हो गये हो तुम। बात करते नहीं ख़ुदा से… Read more “कुछ और हो गए तुम – सोनू जैन”
ग़ज़ल – सरिता कोहिनूर
देश के उपकार पर अभिसार होना चाहिएआदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए कौन कहता है,यहाँ है देश भक्तों की कमीदेखने वाली ऩज़र में धार होना चाहिए… Read more “ग़ज़ल – सरिता कोहिनूर”
मुक्तक – जो भी तेरे पास आता है ।
जो भी तेरे पास आता हैवो तेरा ही हो जाता है तेरी उलझी सुलझी ये जुल्फ़ेमद मस्त होकर लहराता है–एम के पाण्डेय निल्को आपके अमूल्य सुझाव आमंत्रित… Read more “मुक्तक – जो भी तेरे पास आता है ।”
नज़र निल्को की…….
न दुपट्टा गिरा और न उसकी उम्मीदों के दुपट्टे गिरे,पर कुछ लोग उसके दुपट्टे गिराने मे कई बार गिरेसादरएम के पाण्डेय निल्को आपके अमूल्य सुझाव आमंत्रित है… Read more “नज़र निल्को की…….”
मुलाक़ात ……!
बाते और मुलाकते दोनों जरूरी है रिश्ते निभाने के लिए, लगा के भूल जाने से तो पौधे भी सुख जाते है चार महीने से सोच रहे… Read more “मुलाक़ात ……!”
मुक्तक – औकात
बात बात पर वो औकात की बात करते हैऔर हम है कि मुलाकात की बात करते है लड़ते है, झगड़ते है और मनाते भी हैऔर निल्को चोरी… Read more “मुक्तक – औकात”
माँ
माँ जब मैं कहता था या जब कुछ रटता था सबसे पहले याद भी हुई तुम सबसे जल्दी भूल भी गई तुम इसमें तेरे संस्कार की नहीं… Read more “माँ”
ट्रेन मे पड़ी जब नज़र
ट्रेन मे पड़ी जब नज़र जैसे हो गई वो ब्रेकिंग ख़बर पहली मुलाक़ात मे ही जच गई थी वो और निल्को पर था उसका अब तक असर… Read more “ट्रेन मे पड़ी जब नज़र”
इस तस्वीर पर आप भी कुछ कहिये
आख़िर टूट गए कुर्सी के पहियेइस तस्वीर पर आप भी कुछ कहिये आपके अमूल्य सुझाव आमंत्रित है |
अभिव्यक्ति की आज़ादी पर उन्होंने लगा ही दिया बैन
अभिव्यक्ति की आज़ादीपर लगा कर बैनआ ही रहा होगाउनके दिल को चैनबोलने पर उन्होंनेभले लगाई पाबन्दी हैपर ‘निल्को’ हम तोलिखने के भी आदी हैइतनी आसानी से नहीं… Read more “अभिव्यक्ति की आज़ादी पर उन्होंने लगा ही दिया बैन”