सुना है तुम्हारे चाहने वाले बहुत हैं ये मोहब्बत की मिठाई सब में बांट देती हो क्या कई गिर चुके हैं तुम्हारे इश्क के मंजर में अंखियों… Read more “आज लिखने को कुछ नहीं – एम के पाण्डेय निल्को”
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चांद अपनी चांदनी की रंगतों से डर गया
दिल हमारा जब तुम्हारी चाहतों से भर गया ।चांद अपनी चांदनी की रंगतों से डर गया ।। तेरी यादों में मेरे दिन रात कटते थे मगर।मेरी नजरों… Read more “चांद अपनी चांदनी की रंगतों से डर गया”
भलाई इसी में है – एम के पाण्डेय निल्को
आपके अमूल्य सुझाव आमंत्रित है |
…वो कहर बरसाती है – एम के पाण्डेय ‘निल्को’
वह पायल नहीं पहनती पांव में बस एक काले धागे से कहर बरसाती हैउसकी यही अदा तो ‘निल्को’मुझे उसका दीवाना बनाती हैबहुत मजे से इठलाती है गूढ़ व्यंग की… Read more “…वो कहर बरसाती है – एम के पाण्डेय ‘निल्को’”
नीचों का गठबंधन है
सारे कौरव हुए इकट्ठे, नीचों का गठबंधन है सूपनखा की नाक कटी है, चोरों के घर कृन्दन है पड़ी है पीछे सीबीआई जगह कहाँ अब जाने कोमिल… Read more “नीचों का गठबंधन है”
कुछ और हो गए तुम – सोनू जैन
शेर से शोर हो गये हो तुम,कितने कमज़ोर हो गये हो तुम। हमको पहचानते नहीं साहब,आज कुछ ओर हो गये हो तुम। बात करते नहीं ख़ुदा से… Read more “कुछ और हो गए तुम – सोनू जैन”
ग़ज़ल – सरिता कोहिनूर
देश के उपकार पर अभिसार होना चाहिएआदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए कौन कहता है,यहाँ है देश भक्तों की कमीदेखने वाली ऩज़र में धार होना चाहिए… Read more “ग़ज़ल – सरिता कोहिनूर”
पथ निशान का – BY त्रिपुरेन्द्र ओझा " निशान"
जुड़ते -टूटते धागों ने ,जलते बुझते आगों ने ,बनते बिगड़ते रागों ने ,समाज के विषधर नागों नेपद-निशान को किसने मोड़ दियापथ ” निशान ” का किसने मोड़… Read more “पथ निशान का – BY त्रिपुरेन्द्र ओझा " निशान"”
इस बरसात के मौसम मे
आज लगा हवा मौसम से रूठ गई काले घने बादल शहर मे ही रह गई तन तो भीगा ही भीगा मन भी बह गई और बहकी –… Read more “इस बरसात के मौसम मे”
सुकुमा नक्सली हमले मे 26 जवानों की शहादत पर आक्रोश जताती मेरी रचना – एम के पाण्डेय ‘निल्को’
(सुकुमा नक्सली हमले मे 26 सीआरपीएफ़ जवानों की शहादत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से आक्रोश जताती मेरी रचना – एम के पाण्डेय ‘निल्को’)… Read more “सुकुमा नक्सली हमले मे 26 जवानों की शहादत पर आक्रोश जताती मेरी रचना – एम के पाण्डेय ‘निल्को’”
मुझ पर एहसान करती है – एम के पाण्डेय ‘निल्कों’
मुझ पर एहसान करती है ये कह कर बदनाम करती है किसी रोज पढ़ेगा कोई इन चन्द लाइनों को तो कोई कहेगा की तुमसे ही प्यार करती… Read more “मुझ पर एहसान करती है – एम के पाण्डेय ‘निल्कों’”
मुक्तक : आँख
आंखो मे सुरमा लगाती क्यू है आईना देख इतराती क्यू है तुझ पर जाऊ मैं वारि वारि पर मुझे तू बार बार आजमाती क्यू है एम के… Read more “मुक्तक : आँख”
होंठ उसके जैसे गुलाब की पंखुड़िया
होंठ उसके चेहरे परकुछ यूँ नज़र आते हैजैसे कुछ गुलाब की पंखुड़ियापानी में नज़र आते है उसे देख कर तो कुछलड़के भी शरमाते हैनंबर लेना देना, आगे… Read more “होंठ उसके जैसे गुलाब की पंखुड़िया”
आतंकियों का समर्थन करने वालों का विरोध करती मेरी नयी रचना
(आठ आतंकियों के एनकाउंटर के लिए पुलिस का समर्थन और आतंकियों का समर्थन करने वालों का विरोध करती मेरी नयी रचना)कवि – मयंक शर्मा (09302222285) खूब मनाई… Read more “आतंकियों का समर्थन करने वालों का विरोध करती मेरी नयी रचना”
आप सभी को नरक चतुर्दशी की हार्दिक शुभकामनाएं।
चतुर्दश वार।मिला सुतवार।।बढे धन कीर्ति।रहे यश शांति।। गजानन हाँथ। सदा उर साथ।। कटे सब कष्ट। रहे प्रभु दृष्ट।। प्रदीप सुपर्व।मिले अमरत्व।।प्रकाश अपार।प्रहर्ष हजार।। जले जब… Read more “आप सभी को नरक चतुर्दशी की हार्दिक शुभकामनाएं।”
कवि देवेन्द्र प्रताप सिंह "आग" की एक रचना
इन मीठे-मीठे पकवानों का किसको भोग लगाऊं मैं मेरे प्रभुजी हैं सीमा पर फ़िर कैसे खुशी मनाऊँ मैं दुश्मन की लंका जली नहीँ संहार अभी तक बाकी… Read more “कवि देवेन्द्र प्रताप सिंह "आग" की एक रचना”
दीपक – मुक्तक
*****मैं अँधेरों से लड़ा हूँआँधियों से भी खड़ा हूँतुच्छ मत कहना मुझे तूमोतियों से मैं जड़ा हूं !!!******************मुरारि पचलंगिया आपके अमूल्य सुझाव आमंत्रित है |
मुक्तक – नज़र निल्को की
अपने सर को बोलो की हद में रहेचादर उनकी कद में रहे बड़े होंगे पद में, तो क्या हुआबोलो अपने सरहद में रहेसादर एम के पाण्डेय निल्को… Read more “मुक्तक – नज़र निल्को की”