ये जरुरी तो नहीं……..
ख्वाबों में तेरा दीदार करु,
मैं टूटकर तुझसे प्यार करु,
पर तु भी मुझसे प्यार करें
ये जरुरी तो नहीं……..
माना तुम्हारे हजारों दिवाने है जमाने में,
पर मेरी तरह तुम्हें चाहे कोई,
ये जरुरी तो नहीं……..
हर मोड़ पर मिलेगें कोई न कोई जिन्दगी की राह में,
पर मेरे जैसा कोई मिले,
ये जरुरी तो नहीं……..
माना तुझे आता है चेहरें पर चेहरा लगाना,
पर मैं भी तेरी तरह बन जाऊ,
ये जरुरी तो नहीं……..
तंग है हालात तु नहीं है मेरे पास,
मै टूटकर बिखर जाऊ,
ये जरुरी तो नहीं……..
हुस्न वाले तो लाखों है जमाने में,
पर हर हुस्न वाले का दिल भी खुबसूरत हो,
ये जरुरी तो नहीं……..
ना जाने कितने शिकवे है मुझे तुझसे,
पर मैं तुझसे अपने दर्द का इजहार करु,
ये जरुरी तो नहीं……..
मैं जानता हॅू कि तुम मेरी नहीं हो सकती,
पर मैं तुम्हे चाहना छोड़ दूॅ,
ये जरुरी तो नहीं……..
अनुज शुक्ल

जय मां हाटेशवरी…….
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है……
आप की इस रचना का लिंक भी……
30/08/2020 रविवार को……
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर…..
शामिल किया गया है…..
आप भी इस हलचल में. …..
सादर आमंत्रित है……
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
https://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
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वाह!!!
बहुत लाजवाब सृजन
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Nice
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