सामाजिक आज़ादी के बिना क़ानूनी स्वतंत्रता बेमानी होती है – बी आर अम्बेडकर
काशǃ भारत के एक धर्म जो की क़ानूनी रूप से अल्पसंख्यक है उनके पास भी एक अम्बेडकर होते।
सदर नमन
सादर वंदे
एम के पाण्डेय निल्को
सामाजिक आज़ादी के बिना क़ानूनी स्वतंत्रता बेमानी होती है – बी आर अम्बेडकर
काशǃ भारत के एक धर्म जो की क़ानूनी रूप से अल्पसंख्यक है उनके पास भी एक अम्बेडकर होते।
सदर नमन
सादर वंदे
एम के पाण्डेय निल्को