सुनो सुनो ए राष्ट्र कलंकों,सुनो दलालों भारत के,
सुनो सुनो गीदड़,सियार,ढोंगी घड़ियालों भारत के,
सुन लो वृद्ध अवस्था में बौराये जेठमलानी जी,
सुनो शत्रुघन सुनो आज़मी,नहीं चली शैतानी जी,
सबसे तेज खबर के पंडित पापी पूण्य प्रसून सुनो,
अभय दुबे-सागरिका जिनका सूख गया है खून सुनो
आतंकी पर रोने वाले सैफ और सलमान सुनो,
दिल्ली के अरविन्द,शाजिया,संजय सिंह,खेतान सुनो,
सुनो सानिया,सुनो तीस्ता,और अकबरुद्दीन सुनो,
डर्टी पिक्चर करने वाले शाह नसीरुद्दीन सुनो,
कलकत्ता की कोरी ममता,सचिन पायलट लाल सुनो,
अबू आज़मी-सिद्धरमैया,भूषण से बेहाल सुनो,
सुन आज़म,सुन ले शकील, कुंठित ईमाम बुखारी सुन,
ओ पागल ओवैसी,ड्रामा नही रहेगा जारी सुन,
ये नितीश लालू फांसी पर करते बड़ा कलेश रहे,
इनके साथ खड़े भी देखो यू पी के अखिलेश रहे,
सुनो द्रोहियों के हाथो में पल भर में बिकने वालों,
राष्ट्रपति को क्षमा दान की चिट्ठी तक लिखने वालों
चिठ्ठी लिखने वालों ने गंगा में कीचड घोल दिया,
चिठ्ठी ने भी चीख चीख इन सबका चिठ्ठा खोल दिया,
छाती पीटो आंसू डालो सबका चेहरा साफ़ हुआ,
सबसे बड़ी अदालत का सबसे धाँसू इन्साफ हुआ,
विस्फोटों में जो तड़पे थे उन सबका अरमान कहे,
गद्दारों पर रहम नही हो ये हिन्दू का हिन्दुस्तान कहे,
राष्ट्रप्रेम की माटी में मज़हब की उगती दूब नही,
रह पायेगा हरगिज़ ज़िंदा अब कोई याकूब नही.
वंदेमातरम