![]() |
अटल बिहारी बाजपेयी जी |
![]() |
Siddharth Hinduveer |
अत्याचारी ने आज पुनः ललकारा,………..
अत्याचारी ने आज पुनः ललकारा,
अन्यायी का चलता है अमन दुधारा,
आंखो के आगे सत्य मिटा जाता है,
भारत माता का शीश कटा जाता है !
(1) क्या पुनः देश टुकड़ो में बंट जाएगा ?
क्या सबका शोणित पानी बन जाएगा?
कब तक दानव की माया चलने देंगे ? कब तक भस्मासुर को हम छलने देंगे ?
कब तक जम्मू को हम जलने देंगे ?
कब तक जुल्मो की मदिरा ठलने देंगे ?
चुपचाप सहेंगे कब तक लाठी गोली ? कब तक खेलेंगे दुश्मन खून से होली ?
प्रह्लाद-परीक्षा की बेला अब आई ; होलिका बनी देखो अब्दुल्ला शाही……………….!!!
(2) माँ बहनो का अपमान सहेंगे कब तक ?…………………..?
माँ बहनो का अपमान सहेंगे कब तक? भोले पांडव चुपचाप रहेंगे कब तक ?
आखिर सहने की भी सीमा होती है, सागर के उर मे भी ज्वाला सोती है,
मलयानिल कभी बवंडर बन ही जाता,भोले शिव का तीसरा नेत्र खुल जाता,
(3) जिनको जन धन से मोह , प्राण से ममता…………..
जिनको जन धन से मोह ,प्राण से ममता ;
वे दूर रहे अब पांचजन्य है बजता,
जो दुमुख,युद्ध कायर है,
रणभेरी सुनकर कंपित जिनके अंतर है,
वे दूर रहे चूड़िया पहन कर बेठें,
बहनें थूकें माताएँ कान उमेठें,……
जो मानसिंह के बल से सम्मुख आयें ,
फिर एक बार घर मे ही आग लगाएँ,
पर अन्यायी की लंका अब न रहेगी,
आने वाली सन्तानें यूं न कहेंगी ,
पुत्रों के रहते कटा जननी का माथा ,
चुप रहे देखते अन्यायों की गाथा,……
(4) अब शोणित से इतिहास नया लिखना है……….
अब शोणित से इतिहास नया लिखना है, बलिपथ पर निर्भय पाँव आज रखना है,
आओ खंडित भारत के वासी आओ,कश्मीर बुलाता त्याग उदासी आओ,
लो सुनो शहीदो की पुकार आती है, अत्याचारी की सत्ता ठर्राती………….;
लो सुनो शहीदो की पुकार आती है, अत्याचारी की सत्ता ठर्राती,
उजड़े सुहाग की लाली तुम्हें बुलाती , अधजली चिता मतवाली तुम्हें बुलाती,
अस्थियाँ शहीदो की देती आमंत्रण, बलिवेदी पर कर दों सर्वस्व समर्पण,
कारागारों की दीवारों का न्योता, कैसी दुर्बलता अब कैसा समझौता,
हाथो मे लेकर प्राण चलो मतवालों,सीने मे लेकर आग चलो प्रणवालों,
जो कदम बढ़ा अब पीछे नहीं हटेगा, बच्चा बच्चा हंस हंस कर मरे मिटेगा,
बरसो के बाद आज बलि का दिन आया,अन्याय-न्याय का चिर संघर्षण छाया,
फिर एक बार दिल्ली की किस्मत जागी, जनता जागी अपमानित अस्मत जागी,
देखो दिल्ली की कीर्ति न कम हो जाये, कण कण पर फिर बलि की छाया छा जाये……………
ये बाजपेयी जी की पंक्तिया हमारे VMW Team के सिद्धार्थ हिंदुवीर की तरफ से …….
अच्छा लगने पर ब्लॉग समर्थक बनकर मेरा उत्साहवर्द्धन एवं मार्गदर्शन करें |
vmwteam@live.com +91-9024589902 +91-9044412246
+91-7737077617
EK SUNDER LEKH KE LIYE BHADHI AAP NIYMIT LIKHTE RHE…………..
LikeLike